आया मसीह दुनिया में तू,
पापियों को बचाने को,
लाये ईमान जो बेटे पर,
करेगा पार इस दुनिया को
दुनिया गुनाह में डूब रही थी
सादिक गुमराह हो रहे थे
छोड़ा आसमान, बना इंसान,
मिली नज़ात इस दुनिया को
आया मसीह…
बैतलहम के मैदानों में
गड़रिये रात सो रहे थे
सुना फरिश्तों की ज़ुबान,
पैदा हुआ है ख्रीस्त निधान
आया मसीह…
आलिमों ने किताबों से
पढ़ी पैदाइश की तफ़सील
चल दिये वो भी ऊँटो पर,
तारे हयात का पीछा कर
आया मसीह…
समुंद्र की सब लहरों पर
दुनिया की हर जुबानों पर
है उसका नाम, है उसका काम,
सारा जहां लाए ईमान
आया मसीह…
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